बिना पेड़ ऑक्सीजन
बिना पेड़ ऑक्सीजन
इस कोरोनाकाल में हमने एकबात समझी है
पेड़ो से ही हमे जीवनदायिनी हवा मिलती है
ख़ूब ही काटे पेड़ हमने,ख़ूब ही डांटे पेड़ हमने
जब जान पे बन आई,तब ये कीमत समझी है
पेड़ो की कीमत अब हमने बहुमूल्य समझी है
पेड़ो से ही हमे जीवनदायिनी हवा मिलती है
पेड़ो से सच में रोज नई जिंदगी मिलती है
पेड़ श्री हरि के हृदय से निकली हुई प्रकृति है
अब ऑक्सीजन की भारी कमी हुई देश मे,
दिल्ली,यूपी,आदि जगह कमी हुई जिंदगी में
तब हमने इनकी जीवनदायिनी महिमा समझी है
पेड़ों की अब जाकर हमने मां की ममता समझी है
हाइकोर्ट जाकर ऑक्सीजन मांगनी पड़ रही है,
कैसी-कैसी कोरोनाकाल में हमारे विपत्ति बनी है
नासिक में ऑक्सीजन लीक होने से हुई कई मौते,
अब जाकर हमने आंखों की गहरी नमी समझी है
इस कोरोनाकाल से वृक्षों की दयालुता समझी है
ख़ूब पेड़ लगाओ,कोरोना का डर बख़ूबी दूर भगाओ,
पेड़ लगाने से ऑक्सीजन की बड़ी मात्रा मिलती है
पेड़ो से ही हमे जीवनदायिनी हवा मिलती है
एक व्यक्ति को एकदिन जीने के लिये,
73 पेड़ चाहिये,
फिर क्यों छोटे स्वार्थ के लिये पेड़ों की हत्या होती है
क्यों मेडिकल छोड़,अन्य को ऑक्सीजन मिलती है
गर ये स्वार्थ छोड़ दे,कोरोना की जिंदगी मिटती है
पेड़ो पे ध्यान दे,ख़ूब पेड़ लगा स्वर्ग धरा पे उतार दे,
पेड़ बगैर जिंदगी बिना तस्वीर की सूरत सी होती है
पेड़ो से ही हमे जीवनदायिनी हवा मिलती है
बिना पेड़ो के मनु,पशु किसी की जिंदगी न चलती है
दिल से विजय