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Deepali Mathane

Abstract

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Deepali Mathane

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बीतें कल की यादें

बीतें कल की यादें

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बीतें कल की यादें दिल में ऐसे झिलमिलायें

यादों के जूगनू कभी-कभी हलके से टिमटिमायें


हंसी खुशी से भरी होठों पे कुछ यादें मुस्कुरायें

हर यादों में ढूँढ़ रहे सुकून के पल बसायें


बीतें कल की यादों की बरसात मन को भिगायें

कभी-कभी कुछ कडवी यादों की कसक सुलगायें


नूर बरसा के रहमतों का कुछ यादों के सायें

तपते रेगिस्तान में भी हसीं के गुलिस्ताँ पायें।


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