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Pandav Kumar

Abstract Inspirational Others

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Pandav Kumar

Abstract Inspirational Others

बिहार

बिहार

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आज लाया हूं एक समाचार

पढ़ ले तू हमरा इतिहास, मैं हूं बिहार,

बुद्ध को जहां बुद्धि मिली,

बिस्मिल्लाह की शहनाई सुनी,

चाणक्य की चतुराई चली,


जहां अशोक महान हुए,

जिस धरती ने गुरु गोविंद सिंह जने,

आर्यभट्ट ने दुनिया को शून्य दिए,

जहां चन्द्रगुप्त ने राज किए,


ये सब कथा,कहानी किस्से नहीं है,

जड़बुद्घि तू गूगल कर ले,

पढ़ ले तू हमरा इतिहास,

तब तू जान पाएगा हमरा बिहार,


गांधी की ये कर्मभूमि है,

राजेन्द्र की ये जन्मभूमि है,

अस्सी वर्ष के युवा कुंवर की ये वीर भूमि है,

कुछ और बताऊं या हट गई तेरी विकृत विचार,

आ पढ़ ले तू हमरा इतिहास, मैं हूं बिहार,


जहां विद्यापति के गीत हैं,

दिनकर की रचनाएं हैं,

नागार्जुन की कविताएं हैं,

जहां साहित्य समृद्धि पाती है,

ऐसा है हमरा बिहार,

आ पढ़ ले तू हमरा इतिहास, मैं हूं बिहार,


ये देश की सक्रिय राजनीति की आभा है,

जेपी आंदोलन की परिभाषा है,

शिव सागर राम गुलाम बिहार की ही छाया है,

जिसने मॉरीशस की राजनीति में परचम लहराया है,

कुछ और बताऊं या जदबुद्घि अपना माथा टेक दे,

बिहार के गौरवशाली इतिहास को ऐसे ना तू फेक दे,


तू अभी की हालत पर रोता है,

इसके पीछे की वजह तेरे जैसा ही खोटा है,

रोना किसी भी समस्या का भी हल होता है?


उठ और बदल दे दुनिया आज,

याद है ना "खुद को दोहराता है इतिहास"

वरना कल भी वैसा ही होगा,

जैसा होता आया है आज।


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