बहुत हो चुका.....
बहुत हो चुका.....
बहुत हो चुका...
बदलना होगा, अब इस समाज को, देश की पुरानी पीढ़ी को
छोड़ने होगें वो पुराने विचार, जो बांधे हमें बेड़ियों में
बहुत हो चुका...
बदलना होगा शिक्षा प्रणाली को, जो देती सिर्फ किताबी ज्ञान
लाये ऐसी प्रणाली, जो जोड़े, शिक्षा को अपनी रोज़मर्रा की जिंदगी से
जैसा था सपना अपने राष्टपिता गांधी जी का
बहुत हो चुका...
बदलना होगा इस देश की जनता को
छोड़ना होगा भ्रष्टाचार और अत्याचार...
वरना वो दिन दूर नहीं, जब होगी बेड़ियाँ हमारे पैरो में दूसरे देश की
बहुत हो चुका...
बदलना होगा इस देश की मानसिकता को
जो समझता है आज भी फर्क लड़के और लड़की में
आज लड़कियाँ नहीं किसी से कम
वो अपनी ज़िद पे आये तो उड़ाये फाइटर प्लेन भी
तो सम्भल जाओ, लड़कियों को मारने वाले, अब तुम्हारी खैर नहीं
बहुत हो चुका....
उठ युवा पीढी, तुझमें है दम
इस देश को, समाज को बदलने का
मत जा अपना देश अपनी मिट्टी छोड़कर, दूसरे देश को आबाद करने
मत भूल तुझे है कर्ज चुकाना अपनी भारत माँ का...
बहुत हो चुका...