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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Crime

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वैष्णव चेतन "चिंगारी"

Crime

✍️ भ्र्ष्टाचार ✍️ ( 50 )

✍️ भ्र्ष्टाचार ✍️ ( 50 )

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आज हर कार्यालय में

हो रहा है खूब भ्रष्टाचार,

नीचे से लेकर ऊपर तक

चपरासी से लेकर अधिकारी तक

खूब चला रखा है 


रिश्वत का बड़ा ही कारोबार, 

क्योंकि........,

बिना दाम दिए होते नहीं काम,

खाये कौन चक्कर कार्यालयों के,

समय नहीं आज किसी के पास,

इसलिए वो भी नहीं रखते आस,


लिया और दिया और करा दिया 

अपना काम,

इस चक्कर में नहीं हो रहा है

भ्रष्टाचार कम,

दिन-दोगुना और रात-चौगुना 


बढ़ रहा यहाँ भ्रष्टाचार

इसमें पीछे नहीं मेरे देश के 

भ्रष्ट नेताओं की भ्रष्टाचारी,

इसमें तो शामिल है 


पूरी की पूरी जमाती भरी पड़ी है, 

जो देश की अर्थव्यवस्था को 

चौपट करने को लगी पड़ी है, 

इनकी छत्रछाया में ही 

फल-फूल रहा है भ्रष्टाचार, 


मानो ऐसा लगता है जैसे बन गया है 

हर जगह यह शिष्टाचार,

आओ आज से हम सब मिलकर करें प्रण,

हम देंगे रिश्वत और ना ही लेंगे हम रिश्वत !


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