भ्रम
भ्रम


हर इंसान
एक भ्रम
में जीता है
की जो भी
हो रहा है
वो वो कर रहा है
जबकि वो तो
सिर्फ एक
निमित्त मात्र होता है
बाकी तो कोई
शक्ति है
जो पूरी सृष्टि
को चला रहा है
जो इंसान न
कभी समझ
सकता है
न ही समझना चाहता है
न ही समझने की
कोशिश करता है
पता नही कब
टूटेगा उसका ये
भ्रम