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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

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भोले शंकर

भोले शंकर

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जागो जागो भोले नाथ भोर

हुआ।

सावन में भक्तन की भीड़ का शोर

हो गया।

जलाभिषेख ,दुग्धाभिषेख

रुद्राभिषेख का शुभ

मुहूर्त बेला आ गया।


शिव का श्रृंगार भूत प्रेत

पिचास का गुंजन गान 

बरात आ गयी।


सावन की फुहार पार्वती का साथ

कैलाश स्वर्ग की छटा आ गयी। 


बम बम बम लहरी भांग धतूर

पान चढे मेवा का भोग लगे

नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

हर हर भोले नमः शिवाय।


पशुपति नाथ अनाथन के नाथ

ब्रह्म ब्रह्माण्ड के देव सर्वेश्वर शिव

निराकार साकार ओँकार ।


ॐ परम शक्ति है

आदि अनंत है

संघारक पालक है

भय भव भंजक

दुःख निवारक 

मंगल दायक।


भैरव शनि आज्ञा पालक

षडांनान गजानां द्वी सूत

शुभ मंगल ज्ञान भक्ति

के दाता पार्वतीपतये 

विश्व विधाता।


सकल मनोरथ दाता

भक्ति शक्ति के बस

हर हर महादेव हृदय

स्वांस में बास प्रलय

प्रलयकर रौद्र रूद्र।


मृत्युंजयम रानंजयम सुरंजयम

जितेन्द्रियं कालं करालं 

मृगछाला दोशाला भूत भांवर

जागो जागो भोले नाथ

भोर का शोर हो गया।


कामदेव राति उद्धारक सती

सत्य की क्रोधाग्नि तांडव 

दक्ष अहंकार का विनाशक

जय जय जय भोले नाथ 

शिव शंकर शम्भू त्रिपुरारी

त्रिलोकी नाथ।


बैद्य नाथ तामेश्वर हंसनाथ

बर्फानी बाबा अमरनाथ मान

सरोवर का मन मंदिर कैलाश

शिखर रमते योगी योगेश्वर

केदार बद्री विशाल की मर्यादा

मान।            


भुवनेश्वर स्वर नाथ के

अभीष्ट न्याय स्वर्ग नर्क के द्वार

मार्ग कपिलेश्वर भस्मेश्वर

चंद्रकिशोर चंद्रशेखर।

हर हर हर महादेव

जय जय शिव शंकर।


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