"भजन"
"भजन"
तुम्हें है राम दुहाई,
भज लो रघुराई।
बड़ी मुश्किल से जीवन जो पायों,
हीरा जन्म थों कोड़ी गवायों।
रामा भजन सुखदायी,
भज लो रघुराई।
तुम्हें है-----
बालापन खेलन में गंवाओं,
युवावस्था माया भरमायों।
बुढ़ापे में चारपाई,
भज लो रघुराई।
तुम्हें है-----
मूरख जन्म तूनें भजन न कीन्हों,
दो पैसा को दान न दीन्हों।
अब क्यों आवें भलाई,
भज लो रघुराई।।
