भीड़ का हिस्सा न बनो तुम
भीड़ का हिस्सा न बनो तुम


भीड़ में रहो मगर
भीड़ का हिस्सा न बनो तुम।
दमक उठे जग जिससे,
दीपक बनो तुम।
अज्ञान-अँधेरा मिटाती जो,
वो मशाल बनो तुम।
हर भूमि में खुद को
साबित करो तुम।
भीड़ में रहो फिर भी,
भीड़ का हिस्सा न बनो तुम।
भीड़ में रहो मगर
भीड़ का हिस्सा न बनो तुम।
दमक उठे जग जिससे,
दीपक बनो तुम।
अज्ञान-अँधेरा मिटाती जो,
वो मशाल बनो तुम।
हर भूमि में खुद को
साबित करो तुम।
भीड़ में रहो फिर भी,
भीड़ का हिस्सा न बनो तुम।