भारत रत्न
भारत रत्न
भारत रत्न एकमात्र ऐसा, सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।।
उत्कृष्ट राष्ट्रीय सेवाओं हेतु, नितांत होता प्रदान है।।
प्रधानमंत्री द्वारा होती सिफारिश, लेने हेतु राष्ट्रपति से अनुमति।।
राष्ट्रपिता बिन कार्य यह अधूरा , होती आवश्यक है आवश्यक सर्वप्रथम सहमति।
प्रतिष्ठित इस सम्मान को, अनेकों रखे पाने की तमन्ना।।
वर्षों पूर्व डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा, सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार की हुई स्थापना।।
जीवनकाल पश्चात ग्रहण करने का, पूर्व हुआ नहीं सिद्धांत।।
थे वीर पुरुष भारतवर्ष में ऐसे, पुरस्कृत हुए जो मरणोपरांत।।
अनोखी है इसमें गुणवत्ता, परंतु नहीं कोई मेट्रिक अनुदान।।
पीपल पात के आकारवाला यह, करें सहायता अनेकों प्रदान।।
हुआ प्रदान प्रारंभिक दौर में, स्वर्ण मैडम यह गोलाकार।।
पश्चात रूप हुआ परिवर्तित, पीपल पात का दिया आकार।
निरंतर कर देश को गौरवान्वित, प्रयासों से बदल रहे जो नक्शा।।
हैं वीर सपूत भारत मां के ऐसे, भारत रत्न जिन्हें जाता बक्शा।।
करने हेतू इसे कंठ में धारण, अनेकों ह्रदयों में होती अभिलाषा।। परंतु करें यह उसे चयनित, रच इतिहास जो बदले परिभाषा।।