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Sangeeta Tiwari

Inspirational

4  

Sangeeta Tiwari

Inspirational

स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद

2 mins
352


जन्में थे वीर महापुरुष एक

हृदय भीतर भरे आनंद।।

भारतवर्ष के वीर वह बालक

नाम था स्वामी विवेकानंद।।


संपन्न वह उच्च विचारों से

अध्यात्म में था उनको ध्यान।।

करते व्यतित समय संतों संग

बालक थे अत्यंत बुद्धिमान।।


अभिलाषा उन्हें अध्यात्म गुरु की

पूर्ण ज्ञान जो उन्हें दिलाएं।।

दिखाए ऐसी राह उन्हें जो

खोजे और ईश्वर मिल जाए।।


लिया जीवन ने मोड़ नया

हुई समाप्त उनकी प्रतिक्षा।।

स्वामी रामकृष्ण परमहंस द्वारा

कर ली ग्रहण उन्होंने शिक्षा।।


पूर्ण हुई अपेक्षा उनकी

ईश्वर को लिया पहचान।।

प्रभू के अस्तित्व का रहस्य

पूर्ण रूप से गए वह जान।।


विवेकानंद किए कठोर तपस्या

विपदाएं अनेकों आई नज़र।।

निष्ठा व अध्यात्म बल से

हुई तपस्या पूर्ण मगर।।


भारत दर्शन कर स्वामी जी

संपूर्ण विश्व में ख्याती पाए।।

पग धरकर विदेशों कि भूमि पर

धर्म का परचम वह लहराए।।


अनेक शिष्यों के बने गुरु

बने अनेक ह्रदयों के प्रेमी

धर्म प्रचार किया ह्रदय से,

शेष रही नहीं कोई कमी।।


सुना मीठे प्रवचन उन्होंने

एकता व प्रेम ह्रदय में डाला।।

जैसे होते हैं फूल अनेक

गुथ बन जाते एक माला।।


अंत तक लगाते रहे समाधी

हुए भले ही बहुत बीमार।।

कहे सनातन धर्म अति श्रेष्ठ

होगी कभी ना इसकी हार।।


रोया धरती व अंबर भी

ऐसा आया एक दिवस।।

रूह का पंछी उड़ चला

शरीर मात्र रहा था बस।।


आज नहीं है मध्य हमारे

किंतु महक है सांसों में।।

दिव्य छवि देती है दिखाई

धर्म के समस्त प्रकाशों में।।


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