भारत माँ का सन्देश सैनिकों के नाम
भारत माँ का सन्देश सैनिकों के नाम
"सुनो वीर सैनिकों तुमको एक गाथा सुनाती हूँ
देश पर जो शहीद हुये उनका स्मरण कराती हूँ "
अपने प्राणों की परवाह न करते हुयें,
चढ़ गयें जो फाँसी पर हँसते हुयें ,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
आज भी उन वीरों की यादों में ,
भारतीयों की आखँ नम हो जाती है,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
कितने शूरवीर वो देशभक्त थे जिन्होंने,
स्वतंत्रता की खातिर गोली खाई सीने पे,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
भुख-प्यास की परवाह ना थी,
दिल में कोई डर भी ना था,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ।
जब बजा बिगुल भारत छोड़ो आंदोलन का,
कंधे से कंधा मिलाकर चल पड़ा था
कारवां आंदोलन का,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
हर घर से माँ ने भेजा अपना लाल था,
कर्ज धरती माँ का चुकाने आया लाल था,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
कोड़े खाये पीठ पर छाले पड गये पाँव में,
फिर भी न टूटा जज़्बा देशभक्ति के प्रेम का,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
अग्रेंजो को खदेड़ा था मेरे आँगन (मातृभूमि)से,
जिन्होंने रौंदा था हमारे जज़्बातो को अपने पैरों से,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
उठते-बैठते,सोते -जागते बस एक नारा था,
अपने देश को स्वाधीनता दिलाना था,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
जिनके नारे कर्ण-कर्ण में गूंजे थे,
"तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा "
"अग्रेंजो भारत छोड़ो हिन्दुस्तान हमारा"
नारों ने देशभक्ति की लौ को परवान चढ़या था,
मैंने उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ।
जो बलिदान होकर लिख गये इतिहास ,
रगं गये क़िताब अपने सुनहरे परिचय से,
जिन्होंने बहाया था खून जंग ऐ आज़ादी में,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ।
जिनकी शान में कवियों ने,
गढ़ी थी खूब गीत व कविताएँ ,
वो इतिहास तुम्हें दोहराना है,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
मैं (भारत माँ) साक्षी हूँ उस गुज़रे ,
हुये मंज़र का जो अतीत बन मेरी यादों में ,
मैं उनकी गाथा तुमको सुनाती हूँ ।
भारत माँ अपने वीर सैनिकों को
उत्साहित करते हुये कहती है।
"तुम इस देश की शान हो"
"तुम रंग दो खुद को उनके ही रंग में ,
जो रंगे थे खुद देशभक्ति के रंग में,
तुम इस देश की शान हो।
तुम सब भी हिम्मत न हारो,
निडर होकर सामना करो,
तुम इस देश की शान हो।
तुम न घबराओ दुश्मनों के वार से,
तुम हो सीमा के प्रहरी ,
रक्षक बन लगाते पहरा,
तुम इस देश की शान हो।
भुल आये तुम अपना सब कुछ,
देश खातिर छोड़ दिया सब कुछ,
तुम इस देश की शान हो।
दिल मेंं एक अरमान रखना,
अपने होठों पर मुस्कान रखना,
तुमको फर्ज निभाना है,
मेरा (मातृभूमि) रक्षा कवच बनना है,
तुम इस देश की शान हो।
नेस्तनाबूत कर तो उनके हर वार का,
जिन्होंने फैला दिया व्यापार आतंकवाद का,
तुम इस देश की शान हो।
तुम सब को देश का गौरव बढ़ाना है,
तुम इस देश की शान हो।