भारत को सुराज्य बनाना है
भारत को सुराज्य बनाना है
हमने मन में ठाना है
हमने मन में ठाना है,
भारत को सुराज्य बनाना है
सोने की चिड़िया बना इसे,
फिर अच्छे दिन ले आना है
स्वार्थ साधने को कुछ डॉक्टर,
रोगी को हैं लूट रहे
शिकार न हाथ से जाए निकल,
बोल झूठ पे झूठ रहे
नकली रिपोर्ट दिखा दिखा, पै
सा ही पैसा ऐंठ रहे
वो रक्षक ही भक्षक बनकर,
कर्तव्य है अपना भूल रहे
अब भी गर न सुधरे तो,
उन्हें अच्छा सबक सिखाना हैl
ज़ब्त करके उनकी डिग्री,
ताला क्लिनिक पे लगाना है
हमने मन में ठाना है,
भारत को सुराज्य बनाना है
सोने की चिड़िया बना इसे,
फिर अच्छे दिन ले आना है
न्याय की देवी अंधी नहीं,
बिन देखे न्याय जो करती है
आँखों पे पट्टी बंधी है कि,
समान वो सबको समझती है
बेईमान वकील हैं कुछ ऐसे,
पैसों का लालच करते हैं
न्याय की सौदेबाज़ी में,
ईमान ताक पे रखते हैं
गुनाहगार को बचाके वो,
समाज में ख़तरा बढ़ाते हैं
अपना फ़र्ज़ निभाते नहीं,
बेगुनाह की आहें पाते हैं
क़ानून की नज़र में एक हैं सब,
खुल के अब ये बोलना है
कोई अमीर ग़रीब नहीं,
एक तराज़ू में सबको तोलना है
हमने मन में ठाना है,
भारत को सुराज्य बनाना है 
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सोने की चिड़िया बना इसे,
फिर अच्छे दिन ले आना है
चुनाव से पहले नेताजी,
सौ वादे करके जाते हैं
भोली भाली जनता को,
ख़्वाब सुनहरे दिखाते हैं
सत्ता में आ जाने पर,
भूल वो सब कुछ जाते हैं
जनता की गाढ़ी कमाई से,
ऐश वो खूब उड़ाते हैं
निस्वार्थ भाव हो सेवा का,
चरित्र भी बेदाग़ रहे
देश के सेवक बनके रहे,
और लालच का न नाम रहे
ऐसे ही गुण वालो को,
अब सबसे आगे आना है
देश की बागडोर लिए,
परचम अपना फहराना है
हमने मन में ठाना है,
भारत को सुराज्य बनाना है
सोने की चिड़िया बना इसे,
फिर अच्छे दिन ले आना है
अभियान-स्वच्छता के चलते,
है देश हमारा बदल रहा
गाँधी जी के आदर्शों पर,
फिर से आज है ये चल रहा
देश में बच्चा बच्चा अब,
सफाई के प्रति जागरूक है
क्रांतिकारी बदलाव आ रहे,
ये प्रगति का सूचक है
और भी हर क्षेत्र में अब,
अपनी पकड़ बनाना है
विश्व के विकसित देशों में,
अपनी जगह बनाना है
हमने मन में ठाना है,
भारत को सुराज्य बनाना है
सोने की चिड़िया बना इसे,
फिर अच्छे दिन ले आना है।।