भारत की धरा है
भारत की धरा है
भारत की धरा बलिदानियों के खून से।
कुरूक्षेत्र भूमि की आज तुम गुहार दो।
राम श्याम की भूमि को हिन्द की पुकार हो।
श्याम के पार्थ से गांडीव की हुंकार दो!!
भारत की धरा है ये,,,,
बल करे तो युद्ध दे जो मन करे तो शुद्ध दे।
वहीं तो एक आर्य महान है!!
वेदों की पुकार हो सत्यार्थ प्रकाश सार है
दयानंद ही आजाद क्रांति का प्रमाण है।
मुगलों की हार हो या क्षत्रिय की जीत हो।
जो जीत सका है वहीं तो राम है!!
भीम सा बल नही भीष्मा सा थल नहीं।
ये ब्रह्मचारी की जिंदगी गुजार दो!!
डर जीत है
नहीं तो रण से क्यों डरे।
कुरूक्षेत्र में गांडीव की हुंकार दो!!
भारत की धरा है,,,
वो अखंड भारत या विश्व गुरु का चुनाव।
हो धरा के लाल तुम हिन्द फांसी पे बोल दो।
हो धरा की मिट्टी लाल यहां के लाल लाल से।
बाल हो तुम राष्ट्र के ये सोच लो।
दान करण हो या बाण अर्जुन हो,
या सरफ़रोशी ताल हो ये सोच तुम सोच लो!!
सरफिरे की इस कलम में आग हो जीत की।
उस कलम को आज तुम प्रणाम दो।
ले पताका तू आज चल पड़ा तू आज
इंच इंच धारा में अब गाड़ दो!!
भारत की धारा है यह बलिदानों के खून से।
कुरुक्षेत्र भूमि की तुम आज गुहार दो !