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Ankit Raj

Inspirational

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Ankit Raj

Inspirational

जिंदगी

जिंदगी

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कभी सुख कभी दुख की यादें

समेटते आगे बढ़ रही है जिंदगी

उम्र के साथ-साथ भावनाएं

समझ रही है जिंदगी, 

काल्पनिक दुनिया से बढ़ रही दिल्लगी, 

और अपनों से तन्हा हो रही जिंदगी  

कुछ बीच राह में छोड़ कर चले गए , 

पर उनके आशीर्वादों से संवर

रही है जिंदगी  


तेरा साथ नहीं पर तुमने ही सिखाया है, 

अकेले भी कर्तव्य पथ पर व्यर्थ नहीं

ये जिंदगी

उम्र के साथ-साथ भावनाएं समझ

रही है जिंदगी, 

जहां नवरात्र के दस दिनों में सज

रही है जिंदगी, 

वहीं पूरे साल डर सहम रही है

जिंदगी, 

 

कोई न्याय को तरस रही हर घड़ी, 

तो कहीं अन्याय से बिखर रही है

जिंदगी

फैला रहे हम धर्म की गंदगी, 

ऊपर वाला भी सोचता होगा, 

इसीलिए दी थी इन्हें जिंदगी

उम्र के साथ-साथ भावनाएं

समझ रही है जिंदगी, 

चलते चलते काफी बार गिरा हूं, 

हर बार उठने का मौका

नहीं देती ये जिंदगी, 

पर नास्तिक नहीं मैं,


कृष्ण की आराध्य है यह जिंदगी

सपने बहुत से हैं अभी अधूरे,

पता है हर कुछ पाना मुमकिन नहीं, 

मुस्कुराना सीख लीजिए , 

क्या पता कब थम जाए ये जिंदगी !!



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