साथ मिलकर निभाते हैं
साथ मिलकर निभाते हैं
चलो हम साथ मिल करके
नई दुनिया बसाते हैं
सिमटते जा रहे रिश्तों को
हम फिर से बनाते हैं..।
आज के दौर में धूमिल
हो रहे आपसी रिश्ते
चलो इक बार इसको हम
साथ मिलकर निभाते हैं..।
इस जीवन में सभी रिश्ते
हमारे आप जैसे हों
मधुर स्नेह हो शामिल
यही सबको बताते हैं..।
जो अपने हैं उन्हें अपना
हमेशा मानते रहना
न हो अनबन कभी तुमसे
साथ जीवन बिताते हैं..।
जो रूठें हैं कभी तुमसे
यकीनन मान जाएंगे
भरोसा है मुझे उनपर
जो तुमको यूं रुलाते हैं..।
जो तुमको यूं रुलाते हैं..।
