भारत का शौर्य वीर
भारत का शौर्य वीर
वियोग में पड़ी उस नारी की गाथा,
आओ बताए उस नारी की परिभाषा
लाल जोड़ें से सजी वो सुहागन,
श्वेत वस्त्र पहनकर बनी दुर्भागन।
सैनिक की नारी थी वो,
सुन्दर,अबला नारी थी वो,
पति मिला परमेश्वर जैसा,
जान हथेली पर रखे वो वैसा।
जान की परवाह ना उस सैनिक को,
करता रक्षा जनता की वो दिनभर,
बॉर्डर पर रहता चौकन्ना वो चौकी पे,
चौकसी करता आए ना कोई सीमा पे।
पसीने में धुली उसकी वर्दी,
बारूदो की गंध में महक रही थी,
बरसो की प्यास आज उसे,
टैंक के पानी में मिल रही थी।
झूमा खुशी से वो, झलके आशु आंखो में
आई चिट्ठी, महीनों बाद शब्द लिखे मां के
खुशबू उस गांव की मिट्टी की
सांसों में घुले कन्न कन्न की।
आई एक अचानक तबहाई
आ गया तूफान बड़ा सा
देख कर घबराया वो बेचारा,
मूड कर देखा तो कोई ना था बगल में।
आए आतंकवादी, घुसपैठ पड़ोसी,
बांधे कफ़न काला और वर्दीधारी
देखकर काप गया सैनिक हमारा
उनके शोर से हिल गया वो बेचारा।
बढ़ रहे थे, कदम घुसपैठियों के यहां
वो चार, अकेला बहादुर सैनिक हमारा,
आंखे बंद की आया नजारा सामने उसके
धरती मां, जनता की जान है मझधार में।
खीची गहरी लंबी सांस उसने
बांधा तिरंगा माथे पर उसने,
उठाई बंदूक धरती से उसने
चूमा बंदूक का सिरा उसने।
भारत माता का ललकारा लेकर
गूंज गया सारा जहां उसका
हिल गए घुसपैठी सारे वहा के
फूलने लगे हाथ पैर उनके।
गड़गड़ाहट सी मची गोलियों की
किया जवान ने छलनी सबका सीना,
धू धू उठी बारूदो की धुआ,
शमशान बना गया सारा इलाका।
खुश हुआ जवान हमारा,
झूम रहा खुशी से सैनिक हमारा
रखी लाज भारत माता की उसने
बचा लिया भारत वासियों को उसने।
आई एक गोली अचानक,
धस गई सीने में भयानक,
लहूलुहान हुआ वो सारा
लड़खड़ा गिरा वो बेचारा।
देखा उसने चारो ओर नजारा
नजर आया घुसपैठ थका हारा
उठाई बंदूक छोड़ दी गोली सारी
जला दिया दुश्मन को सारा।
गिर पड़ा धरती पर सैनिक
गिन रहा था आखिरी सासे वो
आखिरी सांसे भी माता नाम पुकारा
ठंडा पड़ गया एकदम जवान हमारा।
हुई खबर देश को जब यहां
सुन्न हो गया देश हमारा
छा गया मातम चारो ओर
गुज गया सारा देश हमारा।
आया लिपटा तिरंगे में शहीद लौटकर,
ओढ़े सफ़ेद कफ़न की चादर,
बांधे माथे पर तिरंगा,
तिलक लगाया केसरी चंदन।
देख शहीद को टूटे घर वाले,
खुल गया बांध सब्र का उनका,
चिखे, पुकारे लगी शहीद पर,
आ जाओ लोट कर देश के प्यारे।
ललकारे उठे उस शहीद के नाम
जयकारा उठी भारत माता के नाम
चल पड़ा कारवा, अतिम संस्कार में
कतारे लगी बड़ी लंबी वहा पे।
गोलियां दागी शहीद के नाम की
विजय रहे नाम शहीद का
तेरे जैसे लाल हो सभी के
मांगा विदाई में ये वादा सबने।
थमा दिया तिरंगा उस नारी के हाथ
बन गई एक झटके में को वीरांगना
हाथों की छूटी ना थी मेंहदी उसकी
लाल चूड़ियां टूटी कलाइयों की।
दिया सम्मान सभी ने वीरांगना को,
होते रहे भारत के वीर हमेशा ऐसे,
रक्षा करे देशवासी की हमेशा,
नीचा ना होने से भारत माता का सीना।
हौसले बुलंद रखे सैनिक हमारे,
रख धर्ये, हिम्मत कर डटकर मुकाबला
देश की रक्षा करना, सैनिक की भाषा
विजय होके शहीद होना यही उनकी परिभाषा।