भाई - बहन
भाई - बहन
बड़े होकर भाई - बहन
कितने दूर हो जाते हैं
इतने व्यस्त हैं सभी
कि मिलने से भी मजबूर हो जाते हैं !
एक दिन भी जिनके बिना
नहीं रह सकते थे हम
सब ज़िन्दगी में अपनी
मसरूफ हो जाते हैं !
छोटी - छोटी बात बताये बिना
हम रह नहीं पाते थे
अब बड़ी - बड़ी मुश्किलों से
हम अकेले जूझते जाते हैं !
ऐसा भी नहीं
कि उनकी एहमियत नहीं है कोई
पर अपनी तकलीफें
जाने क्यूँ उनसे छिपा जाते हैं !
रिश्ते नए
ज़िन्दगी से जुड़ते चले जाते हैं
और बचपन के ये रिश्ते
कहीं दूर हो जाते हैं !
खेल - खेल में रूठना - मनाना
रोज़ - रोज़ की बात थी
अब छोटी - सी भी गलतफहमी से
दिलों को दूर कर जाते हैं !
सब अपनी उलझनों में
उलझ कर रह जाते हैं
कैसे बताए उन्हें हम
वो हमें कितना याद आते हैं !
वो जिन्हें एक पल भी
हम भूल नहीं पाते हैं
बड़े होकर वो भाई - बहन
हमसे दूर हो जाते हैं !
[ सिर्फ बीवी - बच्चे ही आपका परिवार नहीं है, भाई - बहन भी हैं जो इनसे पहले से आपके साथ थे, हैं और रहेंगे।। ]