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Ishwar kumar Sahu

Abstract Inspirational

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Ishwar kumar Sahu

Abstract Inspirational

बेटियों के कई रूप है

बेटियों के कई रूप है

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फूलों सी महक होती है,

पत्तियों सी कोमल,

तना सा सख्त कठोर,

जड़ों की तरह मजबूत होती है बेटियां।


ब्रह्मा की अनुपम कृति,

मां लक्ष्मी की अनुकृति,

सात सुरों का सरगम,

ईश्वर का अतुल्य वरदान होती है बेटियां।


बहती नदी की कल कल धारा,

जीवन की खुशियां सारा,

है जहां में जो सबको प्यारा,

मां बाप के मुश्किलों की सहारा होती है बेटियां।


कभी मायका, कभी पीहर,

रिश्तों की मजबूत कड़ी,

बनकर मोतियों की लड़ी

दो परिवारों को जोड़ती है बेटियां।


कहीं मां, कहीं बहन,

कहीं बेटी

, कहीं पत्नी,

कभी सास, कभी बहू बनकर,

रिश्तों को खूब ढोती है बेटियां।


कोई अंतर नहीं है बेटी बेटा में,

है अब दोनों समान,

मत करना कभी अपमान,

पर आज भी कई घरों में तिरस्कृत होती है बेटियां।


बेटे की हर गलतियां माफ़,

पर बेटियों के साथ पक्षपात,

हर पल सपनों के साथ कुठाराघात,

कोने में सिहर सिहर कर रोती है बेटियां।


देश बढ़ेगा, जब बेटियां बढ़ेगी,

बेटा पढ़ेगा, तो बेटियां भी पढ़ेगी,

देख लेना बेटियां एक दिन" ईश्वर"

सफलता के नए सौपान गढ़ेगी।

       


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