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Alpi Varshney

Abstract

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Alpi Varshney

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बेटियों का जीवन

बेटियों का जीवन

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जाने किस मिट्टी की,बनाई बेटी 

सबकुछ जानकर,अंजान बन जाती 

माँ-बाप की शान 

भारत का सम्मान बेटी


जाने किस


हर क्षेत्र में डंका, बजाती बेटी

खुद की एक, नई पहचान बनाती

बनकर करे ,दीप रोशन

 घर आँगन, तुलसी बन जाती बेटी

 जाने किस


भाई की जान ,बहनों का प्यार

पापा की प्यारी,माँ की दुलारी बेटी 

हर दुख को सहन,कर जाती 

कभी ना मुँह, खोल पाती बेटी

जाने किस


 माँ पापा के,घर आंगन में, जन्म लिया 

अंजानो के घर को,अपनाती बेटी

एक कुल की नहीं

दो- दो कुलों की लाज है बेटी 

जाने किस


दूसरों को देख, खुद पढ़ लिख,

जाती बेटी भारत के विकास ,डोर थामती,

बुलंदियों पर पहुंच जाती बेटी

जाने किस मिट्टी


मरने से कभी ना डरती 

पीछे मुड़कर कभी ना देखती

कभी ना तुम इनको छूना

कभी ना बलत्कार करना

जाने किस मिट्टी की।


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