बेटियाँ
बेटियाँ
बेटियाँ तरूड़ की बेल हैं
जो उग आती हैं
पत्थरों के बीच से भी।
बेटियाँ नागफनी की झाड़ियाँ हैं
जो मुस्कुराती हैं
मरूस्थल की आंधियों में भी।
बेटियाँ हजारी की फूल हैं
जो खिली रहती हैं
हर घर के आंगन में।
परंतु आज के समय में बेटियाँ
दो रूपये वाली पेन हैं
जो इस्तेमाल करने के बाद
फेंक दी जाती हैं।।
