बेटियाँ
बेटियाँ
चिड़िया चहकी बाग में, गूँज रही आवाज़।
वैसे ही तो बेटियाँ, जीवन का है साज।१।
ज्ञान मान सम्मान से, निखरेगा ही रूप।
खुद खोजना है रास्ता, दुनिया अंधा कूप।२।
जीवन के हर क्षेत्र में, बिटियों का प्रतिभाग।
उन्नति के पथ पर मिले, कर्तव्यों के राग।३।
बेटी के प्रति रखिए सदा, नेह नयन सम्मान।
सपनों को अब दीजिये, उसके खूब उड़ान।४।
बेटे के सम बेटियाँ, होती हैं औलाद।
सुखद समय कोमल रहे, समय विषम फौलाद।५।
आज नहीं तो कल सही, समझेंगे सब राज।
बेटियों के अभाव में, संभव नहीं समाज।६।