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Rajnandani Sharma

Drama

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Rajnandani Sharma

Drama

बेटियाँ

बेटियाँ

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बेटियाँ होती है वरदान

ना समझो उनको अपमान

बेटियाँ होती नहीं परायी।


वो तो अपनी होती है

लोगों की बातों से

अपने पिता को बचाने के लिए

अपना घर छोड़कर जाती है।


एक पराये घर को अपना

समझ कर एक बहू का फर्ज

निभाती है इसलिए वो बेटियाँ

कहलाती है।।


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