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Pawan Pankaj

Drama Inspirational Others

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Pawan Pankaj

Drama Inspirational Others

बेटी बचाओ, बेटो को समझाओ !

बेटी बचाओ, बेटो को समझाओ !

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गुमसुम - सी रहती है

कलियाँ हमारी,

खुश रहकर भी

न रह पाती बेचारी !


डर सा लगता

अपनों से इनको,

चाह कर भी

न खुश रह पाती बेचारी !


गुमसुम - सी है

ये कलियाँ हमारी,

तोड़ो न इनको

नन्ही है बेचारी।


घूरों न इनको

प्यारी से है प्यारी,

गुमसुम - सी रहती है

कलियाँ हमारी !


पलकों पर रखो

पैरों में न बांधो,

टूट सकती है

ये मुस्कान ये प्यारी,

गुमसुम - सी रहती है

कलियाँ हमारी ।


बनने दो फूल

खुशबू है सारी,

महकेगी दुनिया में

नन्ही मुस्कान हमारी,

नन्ही सी,

नन्ही सी प्यारी,

प्यारी कलियाँ हमारी...।


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