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Rushabh Shukla

Classics Inspirational Others

5.0  

Rushabh Shukla

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बेटे का पत्र माँ भारती के नाम

बेटे का पत्र माँ भारती के नाम

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तेरी गोद मे तो मै अभी आया,

मगर माँ स्नेह तेरा खुब पाया |

अपनी छाती से जो तुने फल उगाया,

उसमे है घङा भर अमृत समाया ||




तेरी यह सोंधी मिट्टी में,

मैंने चलना सीखा|

तेरी ये वादीयाँ और फूलों की खुशबू,

जिन्हे मै ना अभी तक भूल पाया|



तेरी ही आँचल मे मै महफूज था,

तुझमे ही तो मेरा कण-कण समाया ।

हमे सबकुछ देकर भी कुछ ना चाहा,

अब है तेरा बेटा शरहद पर आया ।।


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