Amit Kumar Mall
Abstract
परिंदों के तड़पने से
हवाएँ बेपरवाह है
वो गिरे या उड़े,
उनकी कहानी है।
मन
बेपरवाह
तराशना
पुल
रहम कर
मुस्कराता बहु...
अखबार नवीसों ...
लिखना
बहाव के साथ
लोग
प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार। प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार।
मन की सारी बात बताना ए दोस्त तू कल फिर आना. मन की सारी बात बताना ए दोस्त तू कल फिर आना.
पर यहाँ तुम्हारी ही तरह कई और लोग खड़े हैं पाषाण युग के तेज़ हथियार लिए उनमें और तुममे... पर यहाँ तुम्हारी ही तरह कई और लोग खड़े हैं पाषाण युग के तेज़ हथियार ल...
इस समय त्योहारों का मौसम चल रहा है पर साथ ही लोकतंत्र का भी। इस समय त्योहारों का मौसम चल रहा है पर साथ ही लोकतंत्र का भी।
माटी की सौंधी सुगंध का एहसास कराती हैं। माटी की सौंधी सुगंध का एहसास कराती हैं।
प्यार लुटाने वाला ही जग में आकाश कहा जाता है। प्यार लुटाने वाला ही जग में आकाश कहा जाता है।
ये पिंजरा ना भाता मुझको मुझे तिनकों का नीड़ बनाने दो ये पिंजरा ना भाता मुझको मुझे तिनकों का नीड़ बनाने दो
थम सी जाती ज़िन्दगी और समय चक्र मुस्कुराता कहीं थम सी जाती ज़िन्दगी और समय चक्र मुस्कुराता कहीं
हमने अंग्रेज़ी में सोचना सीख लिया है, पर हम महसूस हिंदुस्तानी में करते हैं. हमने अंग्रेज़ी में सोचना सीख लिया है, पर हम महसूस हिंदुस्तानी में करते हैं.
कई शासक तो युद्ध शिविरों में, करते शामिल नच लड़कियों को, कई शासक तो युद्ध शिविरों में, करते शामिल नच लड़कियों को,
जो नष्ट होता है वह भ्रमजाल है वियोग- मायाजाल जब हम अपने भ्रम को स्वीकार कर लेते हैं ... जो नष्ट होता है वह भ्रमजाल है वियोग- मायाजाल जब हम अपने भ्रम को स्वी...
शायद कभी कोई सल्तनत मिली नहीं मुझे तभी ये गुमाँ है कि तमाम ऐबों से जुदा हूँ मैं शायद कभी कोई सल्तनत मिली नहीं मुझे तभी ये गुमाँ है कि तमाम ऐबों से जुदा हूँ मैं
अरे मन से पुकारो, फिर देखो, हम तुम्हारे पास हैं, साथ हैं। अरे मन से पुकारो, फिर देखो, हम तुम्हारे पास हैं, साथ हैं।
हर दिल में होती है एक ख्वाबों खयालों की दुनिया । हर दिल में होती है एक ख्वाबों खयालों की दुनिया ।
हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान, हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान,
राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का, जिनको होता नहीं है अर्थ उन नरों का जीवन भी क्या है राष्ट्रप्रेम की भावनाओं का, जिनको होता नहीं है अर्थ उन नरों का जीवन भी क्या ह...
यहाँ तो दरिया में पड़े पत्थर की तरह कतरा कतरा टूटा हूँ मैं यहाँ तो दरिया में पड़े पत्थर की तरह कतरा कतरा टूटा हूँ मैं
बस इल्तज़ा है ये मेरी सपनों के बाग में सच्चाई हो, संघर्ष हो, इंसा के ख्वाब में। बस इल्तज़ा है ये मेरी सपनों के बाग में सच्चाई हो, संघर्ष हो, इंसा के ख्वाब में...
हमसे बढ़कर दूसरा कोई ज्ञानी नहीं होता हो ही नहीं सकता ...। हमसे बढ़कर दूसरा कोई ज्ञानी नहीं होता हो ही नहीं सकता ...।
आज लगता है जैसे वो बिखरे मोती तराशा हुआ... आज लगता है जैसे वो बिखरे मोती तराशा हुआ...