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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

बेमौसम बारिश का नजारा

बेमौसम बारिश का नजारा

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बरसते मेघा बूंदें बनकर,

कभी पानी कभी ओले बनकर,

कहीं तालाब कहीं खेत भरते,

कहीं बारिश का मजा लोग लेते,

कहीं बदरा किसान को बेचैन करते,

बे मौसम बारिश का नजारा,

उजड़ी फसल किसान बेसहारा,

जबजब बे मौसम घन घिरते,

नाथ किसान बे मौत मरते,

हो जाती हैं कलघोषणायें,

मुआवजा पाने की योजनाएं,

फिर भी देश में किसान मरते,

आखिर कहां दोगुनी हो जाती आय।


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