बेबसी
बेबसी
जिंदगी भर बस यही एक सुकून रहा
जो जैसा था उसे वैसे ही रहने दिया
नहीं बढ़ने दी बेताबी इस दिल की
दिल बीमार था उसे बीमार ही रहने दिया
बहुत दी है उसने चोट मुझे इस सफर में
तन्हा थी तो उसने मुझे, तन्हा ही रहने दिया
अब तो उम्मीद भी मैंने छोड़ रखी है
घर का दरवाजा खुला था
उसे खुला ही रहने दिया।।