STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

4  

Sudhir Srivastava

Abstract

बदलते भारत की तस्वीर

बदलते भारत की तस्वीर

2 mins
38


विकास की राह पर चलते हुए

आज भारत की तस्वीर बदल गई है,

बीती बातें इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई हैं।

समय के साथ भारत भी बदल गया है

टोने टोटकों का भारत सूर्य चंद्र पर ही नहीं

शिक्षा, कला, साहित्य, संस्कृति विज्ञान चिकित्सा की

नित नव गौरव गाथा लिख रहा है,

नई कार्य संस्कृति और नव परिवेश हिलोरें मार रहा है


कृषि, परिवहन में भी आमूल चूल परिवर्तन आ गया है

गांव भी अब शहरों जैसी सुविधाएं पा रहे हैं

हरियाली का नाश हो रहा है

प्राकृतिक जल स्रोतों, कूपों, तालाबों, सरोवरों का

अस्तित्व मिटता जा रहा है,

मानवीय संवेदनाओं का अकाल पड़ता जा रहा है


रिश्तों की मर्यादाओं का खून होता जा रहा है

अनाथ आश्रम और वृद्धाश्रमों का विस्तार हो रहा है

संचार क्रांति का भी विस्तार हो रहा है

जनसंख्या विस्फोट होने की कगार पर है,

मौसम का तारतम्य बिगड़ गया ह

ै।


प्रकृति का दोहन तेजी से बढ़ रहा है,

धरती का ताप लगातार बढ़ रहा है।

नई नई बीमारियों, समस्याओं का अंबार लग रहा है

सच में अपना भारत बदलते भारत की तस्वीर बन रहा है

भूख, भ्रष्टाचार, बेईमानी, अपराध, बेरोजगारी में

बड़ा नाम हो रहा है,


धर्म जाति, मंदिर मस्जिद के नाम पर विवाद बढ़ रहा है

भाईचारा अब लुप्त होने की कगार पर है

स्वार्थी राजनीति का दौर तेज हो रहा है

समाज सेवा के नाम पर अपना घर भरा जा रहा है।


भाई ही भाई का खून कर रहा है

सत्ता की खातिर देश को भी दांव पर लगाने का

मौका तलाशा जा रहा है,

किसी की भी लाश पर बेशर्मी से पैर रखकर

आगे बढ़ने में भी संकोच नहीं हो रहा है

सच ही तो भारत बदल रहा है,


बदलते भारत की नई तस्वीर बनता दिख रहा है

जय हिन्द वंदेमातरम् भी आज

अपनी अपनी सुविधा से बोला जा रहा है। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract