बदली
बदली


पानी के सहारे चलने वालों को मोंजों से भागना नहीं चाहिये
सोच सोची बात का एहसास इम्तहान न लीजे पास चाहिये
कहां फस गई जान जन्नत की मरम्मत में पिया खास चाहिये
' रीम ओफ ध वर्लड' मे करवटें संभल के बदली खास चाहिये
बिक गया जब सपनों का महल इन्सान हैं तब से खोया खोया
सितारों को पायल की घूंघरु पहना दिया, दिल है खोया खोया
मूर्ख हैं प्यास उफ अल्लाह कहां से कहां ले आया प्यासा खोया
जिंदगी का ये झमेला, रात तो रात दिन भी हैं प्यासा ही सोया
मेरा यार यार मुझमें समाया इस, संसा रसे ऊपर हैं खोया खोया
कैसा है ये प्यार ? प्यार समझाये समझाया नहीं जाता खोया।