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sai mahapatra

Abstract

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sai mahapatra

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बड़े अरसे

बड़े अरसे

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बड़े अरसे के बाद आज

हम मिले हैं अपने आप से

बहत दिनों के बाद हमने किया

जी भर के बात अपने आप से।


हम तो उसे पाने की आस में

अपने आपको भुला बैठे थे

हम तो बहुत कुछ पाने की आस में

अपना सब कुछ लूटा बैठे थे।


हम जिसके लिए अपना सब कुछ

लूटा बैठे आज वही रूठ बैठी है हमसे

अब तो उसे मनाने की कोशिश में

मालूम ही नहीं चला कब

मेरी जुबानी छूट गई है मुझसे।


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