बड़ी मुश्किल है ये ज़िन्दगी
बड़ी मुश्किल है ये ज़िन्दगी
यही तो गम है,जिसको संजोए रहता हूँ
जिनसे उम्मीद है,नाउम्मीद उन्हीं से रहता हूँ
कहनेको खुशियाँ हैं,दामन में बेशुमार मेरे
एक भी नहीं मिलती,जब दिल को टटोलता हूँ
कैसे साहिल तक,कश्ती को ले जाऊँ
टूट गया है सागर बीच,चप्पू मेरी नाव का
हवाएं संकेत देतीं हैं,आनेवाले तुफ़ा का
कहीं सपना अधूरा न रह जाए,किनारों का
बड़ी मुश्किल है ये ज़िन्दगी
लोग जाने यहाँ कैसे जीतें हैं
हमने तो जबभी सुकून ढ़ूंढ़ा
कशमकश के फ़साने मिलतें हैं
जरासी खुशी देकर,ज़िन्दगी लूट लेती है
अपने आकर्षण में फ़साके,गम खूब देती है
न रह पातें हैं,न निकल पातें हैं इससे
जाने कितनें जनमों का,ये हिसाब लेती है
कोई कुछ भी कहे,सभी इसी के मारें हैं
मरतें हैं कई बार,जीतें सांसों के सहारे हैं
इक दिन चुपके से चलेजातें हैं
क्या पाया क्या खोया, शुन्य में ये भी न जान पातें हैं।