बचपन
बचपन
कोई लौटा दे मुझे वह मेरा बचपन
ना कोई चिंता ना कोई होड़
जो दोस्तों के साथ खेले खेल
जो बिताए समय हर एक।
चांद पाने की थी लालसा
पकड़ने की थी जिज्ञासा
वह भाई बहन के संग लड़ाई
फिर मां के सामने सफाई।
सुराही का पानी
बरगद के नीचे की कहानी
कितना अनमोल था वह बचपन
छोटी सी उम्र का वह भोलापन।
