बच्चे
बच्चे
हमारे बच्चे
हमारी संतान,
हमारी रचना,
हमारी कीर्ति
हमारा अंश,
हमारा वंश
देती है हमें
एक नई पहचान,
ओहदा और सम्मान
दिलाती है गौरवशाली जीवन
संतृप्ति और समृद्धि
हमारी दी हुई शिक्षा
दीक्षा और संस्कार
को धारण कर
हमें अनुग्रहित करती है।
हमें पास करवाती है,
हमारे जीवन के कठिनतम
इम्तिहान में
फिर भी हमसे कहती है कि
"हम कुछ भी नहीं बिन तुम्हारे "
यही है हमारे जीवन की श्रेष्ठ उपलब्धि
हमारी संतान ही
हमारी असली संपत्ति है
हमारा मान है,
अभिमान है
हमारी धरोहर है
जिन्हें संभाल कर
रखने की जिम्मेदारी
हमारी है
इसलिए अपनी संतान को
प्यार दें, मान दें, सम्मान दें
जीवन के आखिरी पलों में
यही हमें संतृप्ति देंगे।
