बारिश : उदासी
बारिश : उदासी
इस झमाझम बारिश में
तेज़ चलते वायपरों के बावजूद
सामने धुंधला ही दिखता है
और मन के
अंदर भी
पड़ रही हैं फुहारें जैसे
धुंधली धुंधली यादों की
एस्बेस्टस वाली छत से
गिरता हुआ पानी
टर्र टर्र बोलते मेंढ़क
बरामदे में चढ़ आए चेरे
और बेशक
प्याज की पकौड़ी
खूब फेंट कर बनाई
हुई कॉफ़ी के साथ
एक मुस्कुराती हुई
धुंधली तस्वीर
ब्लैक एण्ड व्हाइट
गुनगुनाने लगा है मौसम
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त।
