शाम ने लिखा
शाम ने लिखा
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शाम की
खिड़की से
डूब गया सूरज
छोड़ परछाइयाँ
गुलाबी-धूसर
यादों के
बक्से में
तहा गया
एक दिन का सफ़ा
किताबे-ज़िन्दगी
लिखी जा रही
हर्फ़-ब-हर्फ़