Chetan Kashyap
Abstract
बरसे
बरसे मेघ
सुबह- सवेरे
भीगे तृण
और भीगे पात
नम भीतर से मन
नम बाहर गात
नेह बरसे
क्या बना संयोग
कि कितने-कितने लोग !
अज्ञ मन
कृतज्ञ
देख कर के
दान का प्रतिदान क्या हो
किसी का अभिमान क्या हो
क्षुद्रता कितनी घनी है
नत शीष विनीत
कर जुड़े !
साधो ! साधो अ...
बारिश : उदासी
बारिश : अपने ...
मेघ बरसे
बारिश और बच्च...
पिया बिनु मन
शाम ने लिखा
चाँद नुमायाँ ...
इंसान को बुद्धि देकर किया तुमने कितना उपकार इंसान को बुद्धि देकर किया तुमने कितना उपकार
वक्त का क्या मौका ये आए न आए, कि ढह चला है किला दरार के साथ। वक्त का क्या मौका ये आए न आए, कि ढह चला है किला दरार के साथ।
वो सिरहाने पड़ा सपना यह बड़ा शहर भी क्या चीज़ है ना ! वो सिरहाने पड़ा सपना यह बड़ा शहर भी क्या चीज़ है ना !
सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना ----------- सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है, एक पिता का होना -----------
दिल की भावनाएं मस्तिष्क समझे नहीं, दिल को मस्तिष्क की बातें माननी नहीं, सही ग़लत का उलझन दिल क... दिल की भावनाएं मस्तिष्क समझे नहीं, दिल को मस्तिष्क की बातें माननी नहीं, सही ग़लत...
अपने सतीत्व के लिए अग्नि परीक्षा देती हैं। न जाने कैसी होती हैं ये स्त्रियां ? अपने सतीत्व के लिए अग्नि परीक्षा देती हैं। न जाने कैसी होती हैं ये स्त्र...
भक्तिमार्गी को राह मिलन की, 'काफ़िर' दिखला गया। भक्तिमार्गी को राह मिलन की, 'काफ़िर' दिखला गया।
रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी पीठ थपथपाया रावण को देखा, फिर शीश झुकाया उसने बड़े प्यार से मुझे उठाया गले लगाया, मेरी ...
तेरे हर सवाल का जवाब देना बाकी है अभी, जिंदगी तेरा कर्ज़ चुकाना बाकी है अभी। तेरे हर सवाल का जवाब देना बाकी है अभी, जिंदगी तेरा कर्ज़ चुकाना बाकी है अभी।
बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है? बस खाना - डरना और जनना, इतने में ही, इंसान क्यों पड़ा है?
दिल में कसक सी बाकी रह जाती है दिल में कसक सी बाकी रह जाती है
नीर भरी अंखियों में तुमने, पीड़ा की गहराई दी, नीर भरी अंखियों में तुमने, पीड़ा की गहराई दी,
और मेरे अक्षरों में, तुम्हारे सुख को पलीता लगाते हुए तीखे सवाल हैं! और मेरे अक्षरों में, तुम्हारे सुख को पलीता लगाते हुए तीखे सवाल हैं!
कैसे पूजा हो माँ तेरी, या कि करूँ मैं पाठ। जाने कैसी बुद्धि हमारी, उम्र हो&n... कैसे पूजा हो माँ तेरी, या कि करूँ मैं पाठ। जाने कैसी बुद्धि हम...
अपने बच्चे को गर्भनाल से अलग नहीं कर पाएगी। अपने बच्चे को गर्भनाल से अलग नहीं कर पाएगी।
ओ जाना फिर मैं क्यों बदलूँ अन्त मे बस मैं यही कहूँगा ना बदला हूँ ना बदलूँगा। ओ जाना फिर मैं क्यों बदलूँ अन्त मे बस मैं यही कहूँगा ना बदला हूँ ना बदलूँ...
प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार। प्रभु मूरत देख कर देवता अयोध्या में रहे, ये करें विचार।
मुझे मायका बनाना है अपनी ससुराल को मुझे मायका बनाना है अपनी ससुराल को
जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया । जीवन बदल दिया । शब्द नाद ने ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।
लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥ लोग कहते माँ मुझे पर मैं बड़ी असहाय हूँ॥