बाँट डाले त्योहार
बाँट डाले त्योहार
मुझको बाटाँँ तुमने राम में और रहीम में
मुझको बाटाँँ तुमने सेई और खीर में
अब रंगों में भी बाँँट डालोगे
क्या खेलोगे तुम खून की या गुलाल की होली
त्यौहारों को भी बाँट डाला तुमने
अब तो रहने दो मनुष्यता इनमें
बहुत हो चुका जानवर सी बर्बरता इनमें।
