बाबू बालू खोट दिखाई
बाबू बालू खोट दिखाई


सागर मे मोती मिलेला डूबी जे उहे पाई
मेहनत क फल मीठा जे करी उहे खाई।
राजनीति किचर होला गोड़ डाल के देखा
किचर कमल खिले सब मोदी ना बन पाई।
पीठ पीछे करे बुराई मुहवा खियावे मिठाई
मुहवा बतियाई बुराई मइल सब धुली जाई।
नौ मन ना तेल होई न राधा नचिहे कबों
मिताई चीन पाक भारत बाल न बांका होई।
का बरसा जब कृषि सुखानी बात सयानी
पढे के बेरिया इंटा पाथे साहेब ना बन पाई।
आईला हरी भजन करे ओटन लगे कपास
कहे दारोगा चोरी रोकब गिनन लगे पाई।
नाच ना आवे आँगन टेढा कड़वी बात कठोर
पूल पुलिया भवन गिरा बाबू बालू खोट दिखाई।