अवध में राम आगमन
अवध में राम आगमन
भरत आगमन जान राम का हिय में अति हर्षाय रहे
मुनि वशिष्ठ की आज्ञा से वे नगरी अवध सजाय रहे।
कनक भवन में माताएं सब पंथ अधीर निहार रही
राम राम कहि राम-राम ही वे मुंह से उच्चार रही।
वन, उपवन, महल, अटारी पर बागों में कोकिल गाय रही
चौदह वर्षों के बाद मिलीं तो पीड़ा सभी भुलाय रही।
आंगन लेपन, मंगल गायन अरु वंदनवार सजाय रहे
श्री राम आगमन का अवसर नर-नारी सब इतराय रहे।
नवयुवक बाल गोपाल सभी दीपों से नगर सजाय रहे
उर्मिला मंडावी दोनो ही सीता के उर लपटाय रहे।
निशा अमावस की लेकिन है आज प्रकाशित दिन जैसे
दीपों से जगमग गली-गली धरती पर है अम्बर कैसे।
मन मोर कोकिला कंठों से राम राम धुन गाए रहे
राम आगमन का अवसर दीपोत्सव सभी मनाय रहे।