औरत
औरत
औरत को तुम आजमाओ मत
वेबजह यूहीं भड़काओ मत।
जानते नही हो क्या इतिहास ?
खुद तबाही को बुलाओ मत।
ईश्वर की है ये सुन्दरतम रचना
इनको बदसूरत बनाओ मत।
चाहते हो गर घर में बरकत
इनको हरगिज सताओ मत।
हक़ इन्हें भी है धरा पे आने का
कोख से इनको लौटाओ मत।
औरत को तुम आजमाओ मत
वेबजह यूहीं भड़काओ मत।
जानते नही हो क्या इतिहास ?
खुद तबाही को बुलाओ मत।
ईश्वर की है ये सुन्दरतम रचना
इनको बदसूरत बनाओ मत।
चाहते हो गर घर में बरकत
इनको हरगिज सताओ मत।
हक़ इन्हें भी है धरा पे आने का
कोख से इनको लौटाओ मत।