औक़ात की बात न करना
औक़ात की बात न करना
अभी तो दिन है प्यारे, अभी रात की बात न करना I
अभी सफल नहीं मगर ,तुम औकात की बात न करना I
खाते हैं भात नमक से मगर देह में लहू कम नहीं
खुली आकाश और जमीं पर किसी का बंधन नहीं
जी रहा मैं अपनों के बीच हंसते हुए चार पल
तेरे मेरे ऊंच नीच का मुझमे नहीं कोई खलल
रात है उम्मीद की दिन है प्रयास का कहीं मलाल नहीं
जिस हाल में मैं संतुष्ट हूं ,उससे नीचे कोई हाल नहीं
बचपन में रो चुकी आंखे बहुत, बढ़ा मैं संबल लिए
ये रोड़े क्या रोकेंगे मुझे,सपनों का जो चंबल में जिये I
तू सपनों में भी आँसू बहा ,तुझे खोने का प्यारे डर है I
अभी का गुजारा है मेरा, और कल का किसे खबर है
वतन में खुन सींचने कोई सौगात की बात न करना I
अभी तो दिन है प्यारेऔर ,अभी रात की बात न करना I
अभी सफल नहीं मगर ,तुम औकात की बात न करना I
