अश्रु नही है, रक्त है मेरा !
अश्रु नही है, रक्त है मेरा !
रंगहीन से भ्रमित न होना,
अश्रु नही है, रक्त है मेरा।
अविरल धारा मे बहता है,
देखा था सपना जो तेरा।।
प्रेम की सरिता में डूब कर,
मन मंदिर में दर्शन पाया।
किया समर्पित जीवन सारा,
देव तुझे इस ह्रदय बसाया।।
हरेक श्वांस तुझे सुमिरन कर,
सांझ से हमने किया सवेरा।
रंगहीन से भ्रमित न होना,
अश्रु नही है, रक्त है मेरा।।
शिखर चढी थी मदमाती सी,
प्रिय तुमने इस भांति उतारा।
सभी संग के साथी बिछड़ गए,
पाती ना अब कहीं सहारा।।
अस्त सूर्य है जीवन का अब,
घोर तिमिर ने किया बसेरा।
रंगहीन से भ्रमित न होना,
अश्रु नही है, रक्त है मेरा।।
जीवन पथ पर तुम आगे हो,
यही कामना अब करती हूं।
मेरी दुआएं दुआ मांगती ,
तू जी ले अब मै मरती हूं।
आलोकित हो हर पग तेरा,
उजड़ा उजड़े मेरा डेरा।
रंगहीन से भ्रमित न होना ,
अश्रु नही है, रक्त है मेरा।।
