अरमान बढ़ रहे हैं, चाँद को डूब जाने दो ।।
अरमान बढ़ रहे हैं, चाँद को डूब जाने दो ।।
हे प्रिये, तुम.....
आँखों से अश्कों को बह जाने दो,
होठों से लफ़्ज़ों को बयां होने दो,
मन के प्रेम को निकल जाने दो,
हृदय से हृदय को लगा लेने दो,
हे प्रिये, तुम.....
हमे तुम गले से लगा लेने दो,
बालों को हवाओं मे बिखरने दो,
जुल्फों से मन को अब बहलाने दो,
हमको तुम गले से लगा लेने दो....
....आदित्य...
रात लंबी हो चुकी, चाँद को डूब जाने दो ।
अरमांन बढ़ रहे, चाँद को डूब जाने दो ।।

