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राजेश "बनारसी बाबू"

Action Inspirational

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राजेश "बनारसी बाबू"

Action Inspirational

अर्धांगिनी

अर्धांगिनी

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अर्धांगिनी पुरुष का आधा रूप कहलाती है।

अर्धांगिनी पुरुष को पतन और संकट से बचा कर

अपनी सहभागीता का परिचय करवाती है।

अर्धांगिनी स्वयं शिव की अर्ध्य रूप कहलाती है।


संकट पड़ने में यही अर्धागिनी

अपना चंडी रूप दिखाती है।

अर्धांगिनी पुरुष को सही और गलत के बीच

छिपे भेद भी खूब बताती है।


यही अर्धांगिनी पुरुष को संकट में

विजय का मार्ग दिखाती है। 

यही अर्धांगिनी पुरुषो को मदिरा पान जैसे

कृत्यों से दूर रहने हेतू समझाती है।


यही अर्धांगिनी पुरुष के वाम अंग

विराज के शुभ मंगल कार्य करवाती है।

यही अर्धांगिनी पुरुष के सुख दुख का

असली साक्ष्य रूप प्रस्तुत भी करवाती है।


यही अर्धांगिनी पुरुष के बीच फिजूलखर्च और

पैसों का असली अर्थ समझाती है

यही अर्धांगिनी पुरुष की पतिव्रता हेतू

सदैव सती हो जाती है।


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