अपनों का जाना
अपनों का जाना
कोई अपना जो जाता है
तो यूँ ही नहीं चला जाता,
आने वाले कई दिनों तक
लौट के आता है।
नहीं आता वो ख़्वाब में
ख़याल में या हमारी ,
किसी बात में
वो छुपा होता है
हमारे अहसास में।
बातें हो या यादें
जब हो जाती हैं एकतरफ़ा,
बड़ा करती हैं परेशान ,
ठीक ऐसा ही होता है
किसी अपने के जाने के बाद।