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Sakshi Nagwan

Abstract

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Sakshi Nagwan

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होली की बौछार आई

होली की बौछार आई

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रंग-बिरंगी होली आई 

रंगो की बौछार लाई

मठरी गुजिया चमचम मिठाई 

माँ ने है आज खूब बनाई।


रंग-बिरंगी होली आई 

रंगो की बौछार लाई

कड़कती सर्दियों की

हो रही है बिदाई 

चिलचिलाती गर्मियों

की है आहट आई 


दिलो में भी है ऊर्जा खूब आई 

रंग-बिरंगी होली आई 

रंगो की बौछार लाई

रंगो से भरे थैले आए 


बच्चों ने भी रंग क्या खूब उड़ाए 

चाचा-चाची ताया-ताई 

सब ने है होली क्या खूब मनाई 

रंग-बिरंगी होली आई 


रंगों की बौछार लाई

रंगों के इस त्यौहार में 

खुशियों के बाजार से 

हमने रंग ख़रीदे है 


नफरत के दिलों में भी 

हमने प्रेम को बिखेरा है

रंग-बिरंगी होली आई 

रंगों की बौछार लाई

रंग-बिरंगी होली आई 

रंगों की बौछार लाई।


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