अपना देश पराया देश
अपना देश पराया देश
चाहे अपना देश हो या फिर कोई परदेस
अगर व्यवहार में अपनापन और प्रेम हो तो,
कहीं भी अपनी पहचान बनाई जा सकती है!
रूखी सूखी रोटी भी प्रेम से खाई जा सकती है!
बात किसी पराए देश की पराई मिट्टी की नहीं है,
बात प्यार में पगी भावनाओं में सिंकी बट्टी की है!
मां के आंचल की खुशबू मिल जाए जिस भी जगह,
बस समझ लेना कि सबसे बड़ी जन्नत है बस वहां!