मकतुब
मकतुब
ये बारिश ये झरना
या हिमालय से पिघल कर
नदियों का बहना
जिसने ये दुनिया रचाई
क्यों इसको फूलों से सजाई
क्यों धूप से होती है गर्मी
क्यों ठंडी में राहत देती है
उल की नरमी
क्यों होता है आज और कल
समय क्यों करता है छल
कैसे बनी हर चीज़ बखूब
है या इत्तेफ़ाक़, या मक्तुब ?