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Vatan Kumar

Inspirational

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Vatan Kumar

Inspirational

उड़ना चाहता हूं

उड़ना चाहता हूं

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जब देखू खुला आसमां

उड़ना चाहूं हूं कहीं दूर

मिल सके पंखों को जहां

बहती हवाओं का सुरूर

दिल के छुपे अरमान

परिंदों को है सुनाने

ख्वाबों की बिजलियां

बादलों से है चुराने

रुकना नहीं मंज़ूर

जाना है वहां

देख सकूं जहां

सूरज का झुकता गुरूर।


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