STORYMIRROR

Vatan Kumar

Inspirational

2  

Vatan Kumar

Inspirational

उड़ना चाहता हूं

उड़ना चाहता हूं

1 min
124

जब देखू खुला आसमां

उड़ना चाहूं हूं कहीं दूर

मिल सके पंखों को जहां

बहती हवाओं का सुरूर

दिल के छुपे अरमान

परिंदों को है सुनाने

ख्वाबों की बिजलियां

बादलों से है चुराने

रुकना नहीं मंज़ूर

जाना है वहां

देख सकूं जहां

सूरज का झुकता गुरूर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational